More about me and My Weight Gain – In Hindi

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चलिए मैं आपको अपने बारें मैं और बताती हूँ. मैंने कम्प्यूटर साइंस से डिप्लोमा किया हैं, उसके बाद मैंने फोटोशॉप का कोर्स किया, और अपने बड़े भैया की कंपनी मैं वेब डिज़ाइनर का काम स्टार्ट किया. इसमें उन्होंने मैं काफी हेल्प करी.

 
मेरे कॉलेज के टाइम मेरा वजन 62 किलोग्राम था. जब मैं 22 साल की हुई मेरा वजन तेजी से बढ़ने लगा, और कुछ महीनो मैं ही मेरा वजन 73 किलोग्राम हो गया. एकदम से इतना वजन बढ़ने के कारन मैंने डॉक्टर को दिखाया और तब मेरा थाइरोइड का पता चला. मैं थोड़ी परेशां हो गईं पर उसके लिए उस समय मैंने कुछ नहीं किया.
 

जब मैं 24 की हुई, मेरी सगाई हो गयी(2008) और उसके 6 महीने बाद मेरी शादी तय हुई. तब मैंने खुद को पतला करने के लिए सोचा, हाँ ऐसे  टाइम मैं ही आपको याद आता हैं की अब पतला होना हैं. मैंने उस टाइम जिम ज्वाइन किया, कुछ थेरपीज़ भी ली. उसे तक़रीबन 2 महीने तक किया. तब मेरा वजन थोड़ा काम हुआ था पर ज्यादा नहीं और वह भी 1-2 महीनो मैं ही वापस वैसा ही हो गया.
 

शादी के बाद मेरे वजन मैं कुछ खास फर्क नहीं पड़ा, मेरा वजन तक़रीबन 73 के आसपास ही था. शादी के 1.5 साल बाद मेरी बेटी हुई. उस पूरे पीरियड मैं मेरा खाना पीना, चाय, दही सभी कुछ छूट गया, मुझे कुछ खाना अच्छा नहीं लगता था, तबियत भी ज्यादातर ख़राब ही रहती थी  जिससे मेरा वजन बढ़ा नही बल्कि  बेटी होने के बाद मेरा वजन 8 किलोग्राम कम हुआ. तब मेरा वजन 65  हो गया था. मैं काफी खुश हो गईं थी,  की चलो अब मेरा वजन थोड़ा काम हुआ. पर वो खुशी ज़्यादा समय नही चली, Bas 1 साल के अंदर ही मेरा वजन वापस से 70+ हो गया.
 

हाउस वाइफ होने के साथ साथ मैं घर से थोड़ा डिजाइनिंग वर्क भी करती थी, और अब मेरे एक बेटी भी हो गईं थी, तो सारा दिन काम काम और बस  काम मैं कब निकल जाता, पता ही नहीं चलता. उस टाइम भी मैं पतला होने की सोचती थी, थोड़े दिन एक्सरसाइज शुरू करती पर कुछ दिनों से ज्यादा लम्बा नहीं कर पाती.  और बस ऐसा ही चलता रहा. मैं और मेरे पति कई बार इस बारें मैं बात करते, मैं काफी सीरियसली इस बारें मैं सोचती, नए जोश से फिर से एक्सरसाइज स्टार्ट करती पर बस कुछ दिनों बाद ही सारा जोश खत्म और वहीँ अपनी नार्मल लाइफ मैं आ जाती.

इन सभी के बीच मेरा थाइरोइड(TSH) कभी नार्मल नहीं आया. वह हमेशा ही 30+ रहता, जबकि नार्मल रेंज 3-7 हैं. मेरा T3, T4 टेस्ट नार्मल आता हैं पर TSH हमेशा 30+ आता(मेरा TSH 78 तक गया हैं), हाँ बहुत ज्यादा हैं यह. दवाइयां लेने के अलावा मैंने इसके लिए कुछ नहीं किया, और सच बताउ तो  दवाइयां भी ज्यादा टाइम से नहीं ली.

साल दर साल ऐसे ही निकलतें रहें, मेरे दूसरा बेबी हुआ(2013), इस समय मेरा वजन 78 किलोग्राम हो गया था.
 

वैसे जब भी वजन कम करने के बारें मैं मैं सोचती, तब मुझे लगता उसके लिए काफी एक्सरसाइज करनी पड़ेगी, खाना पीना छोरना पड़ेगा और फैट फ्री  स्पेशल डाइट के लिए काफी पैसा भी खर्च होगा. कई बार तो मैं येह सब सोच के ही रह जाती.

 

कहीं ना  कहीं मेरी इच्छा शक्ति मैं कमी थी, जिससे मैं दिल से कोशिश नहीं कर पति थी.  मैं मन से चाहती थी, मेरा वजन कम हो, लकिन उसके लिए मैं कुछ खास नहीं कर रहीं थी.

मेरे पति को हमेशा मेरे मोटापे और मेरे आगे की जिंदगी की चिंता रहती थी. वह हमेशा मुझे इस बारें मैं बोलतें, और कुछ इफेक्टिव करने की बात कहतें. पर इसके लिए कुछ खास नहीं होता देख, अब उनका समझाना डांट मैं बदल गया . इसी समय मेरे घुटनो मैं भी दर्द रहने लगा, थोड़ा ऑनलाइन सर्च किया तो पता चला, येह  सब मेरे ज्यादा वजन की वजहं से हैं. अब तो अगर मैं काफी देर बैठ जाऊं तो एकदम से उठके सीधे चलने मैं भी परेशानी होने लगी.

अब मेरा बेटा 2.5 साल का हो गया हैं और उसकी उम्र के साथ साथ मेरा weight भी बढ़ रहा  हैं.

अब तो मेरा वेट भी 90 किलो हो गया(2015) ☹☹ मतलब अब पानी सिर के उपर से जा रहां  हैं., अब मेरा वजन  मेरी नॉर्मल लाइफ को प्रभावित  करने लग गया हैं , जबकि मेरी उम्र अभी  33 ही हैं, ऐसा तो 40+ आगे वालों के साथ होता हैं. ☹☹
अब 2016 आने वाला हैं , मैं 2016 मैं पतले होने को अपना लक्ष्य बना  रहीं हूं. अब भी अगर कुछ नहीं किया तो आगे भी कुछ नहीं कर पाऊँगी.  अभी तो मेरी आधी लाइफ बची हैं.

NOTE - Friends, I am not dietitian or Doctor, I write information here on the basis of my own 25 kilo weight loss experience and sometimes from online research. Please take doctor advice before applying any tip, as each and every human body is different.

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